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शिबू सोरेन: जंगल के उजाले से बियाबान लोकतंत्र की मुंडेरों तक
शिबू सोरेन की कहानी किसी काल्पनिक नायक की नहीं है. यह उस भारत का पीड़ाकाव्य है, जिसे अक्सर मुख्यधारा की राजनीति और मीडिया ने अनदेखा किया. एक ऐसा भारत जो जंगलों में सांस लेता है, जो ज़मीन से जुड़ा है और जो बार-बार यह सवाल उठाता है कि 'विकास' किसका होता है.0
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