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न पहले कभी कुछ हुआ है । न आगे भी कुछ होगा । लोग हल्ला करेगें , फिर भूल जायेगें । न उस जज , न अतुल जी के ससुराल वालों का , न नीतिका सिंघानिया का कुछ होगा
अभी ताजा ताजा अतुल सुभाष के ससुराल वालों का वीडियो देखा । अभी भी न कोई वेदना न कोई शोक न कोई डर । मीडिया को डरा धमका रहे वही अतुल सुभाष के घर वालों , उनके भाई का वीडियो देखा । कैसे वो लोग असहाय की तरह बिलख रहे हैं अतुल सुभाष के ससुराल वालों को पता है उनका कुछ नहीं होगा । लोग हैं हल्ला करेगें फिर सो जायेगें । उस कौशिक को भी पता है कुछ नहीं होगा उसको । उस नीतिका की नौकरी अभी तक नहीं गई है कभी कभी ये सब देखता हूं तो लगता है इस शहर की भागदौड़ ने , इस शहर की नौकरी ने इंसान को कितना असहाय बना दिया है । कोई झूठ कैस भी लगा दे तो डर लगता है कही नौकरी न चली जाए । ये देश, ये कानून , ये कोर्ट , ये पुलिस ये बनी ही नहीं है लोगों की भलाई के लिए । इसीलिए "अतुल सुभाष" डर डर बेंगलूर से जौनपुर भी जाता है । जज के हंसने पर भी चुप रहता है । बीवी और ससुराल की गुंडई पर भी चुप रहता है कभी कभी ये सब देखता हूं तो लगता है ये नौकरी की जिंदगी ने दिया क्या है सिवाय डरपोक और असहाय बनाने के । इससे अच्छा गांव में खेती करो, अपने लोग साथ रहेगें । कोई गलत करे तो पलट कर अपना बचाव कर सकते हैं । पुलिस जज गलत करे तो पूरा गांव समाज खड़ा है पीछे । मुखिया से लेकर विधायक तक जानेगा और उठ कर आयेगा मदद करने कोई झूठे केस पर फंसा कर धमकाने की कोशिश कर के तो देखे । जब से लोग अपनी मिट्टी अपनी जमीन से दूर होते जा रहे हैं, तब से ये दो दो कौड़ी के सिंघानिया जैसे लोग अतुल कौशिक जैसे सीधे लोगों पर गुंडई करने लगे हैं3
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