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एक मखाना बोर्ड, बड़ा आईआईटी का हॉस्टल, एक एयरपोर्ट और भाषण में जरा सा संदर्भ क्या मिल गया इन सब राइट लेफ्ट सेंटर पूंजीवाद समाजवाद राष्ट्रवाद नास्तिकवाद वालों की नफरत खुल कर सामने आ गई है
कुछ दिन पहले की बात है जब बिहारी PM Mitra पार्क ki मांग कर रहे थे तब समझाया जा रहा था कि बिहार क्वालीफाई ही नहीं करता है पार्क के लिए इसीलिए शांत बैठ कभी कभी लगता है पूरे देश को आदत हो गई है बिहार की । आधे पैसे में पीसने वाला बिहारी मजदूर को जब बिहार में काम मिल जाएगा फिर इनके बड़े शहरों की नालियां कौन साफ करेगा ? इनके ठेकेदार तीन गुना मुनाफा करके सड़क, इमारत कैसे बनाएगा ? ये बिहारी बाहर जाना बंद कर देंगे फिर इनके दो कौड़ी के कमरे का दस गुना किराया कौन देगा ? बिहार और बिहारी तरक्की कर गए और अपना राज्य सुधार लिए फिर इनके dank memer किस पर घटिया सड़कछाप मीम बनाएगा ? फिर कैसे किसी भी भारतीय को "बिहारी" कह कर गाली दी जाएगी जिसका बिहार से कोई लेना देना नहीं है ? इसीलिए ये सारे चाहे कितनी भी गालियां दे दें, कितना भी बिहारियों को मार कर जलील कर लें, ये कभी भी बिहारियों को अपने यहां आने से मना नहीं करते । बिहार के लोगों को भी समझने की जरूरत है । अपने राज्य अपने लोगों का पहले सोचे , फालतू का हर जगह झंडा उठा नेता न बने और सबका ठेका न ले । बिहारी एक गाली है और लगता है पूरा देश चाहता है ये गाली ही बनी रहे तो आप भी पहले अपने राज्य को ठीक करें । बाद में कभी दूसरों की बारात में नाच लेना बगल के किसी भी राज्य में हजार करोड़ उड़ा दो , पूरा देश नाचने लगता है । Bihar में रोजगार के लिए एक आना लगा दो तो सबको तकलीफ शुरू ।7
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